chittorgarh me ghumne ki jagah – चित्तौड़गढ़ राजस्थान राज्य का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है यह स्थान अपनी वीरता बलिदान और राजपूत सौर्य के लिए प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ का किला भारत का सबसे बड़ा किला है और इस जगह को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है प्राचीन काल में चित्तौड़गढ़ का इतिहास देखा जाए तो 7 शताब्दी से जुड़ा हुआ है इसे मेबाड़ शासक ने बनवाया था यह स्थान मेबाड़ की राजधानी रहा है और यहां कई प्रसिद्ध युद्ध हुए हैं जिसमें सबसे प्रमुख रानी पद्मिनी रानी कर्णावती और महाराणा राणा कुंभा जैसे बीर गाथाएं जुड़ी हुई है चित्तौड़गढ़ में तीन बड़े जोहर देखे हैं रानी पद्मावती द्वारा अलाउद्दीन खिलजी कर्णावती द्वारा बहादुर शाह के विरुद्ध तीसरा जोहर अकबर के आक्रमण के समय हुआ था चित्तौड़गढ़ का किला 180 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ी संस्कृति की झलक मिलती है यहां के लोक नृत्य लोकगीत और त्यौहार प्रसिद्ध है मेवाड़ी भाषा यहां बोली जाती है जो राजस्थान कि भाषा है अगर आप राजस्थान के चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको chittorgarh me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे
1. चित्तौड़गढ़ किला (Chittorgarh Fort) – chittorgarh me ghumne ki jagah
चित्तौड़गढ़ का किला भारत के सबसे विशाल और ऐतिहासिक किलों में से एक है यह न केवल वस्तु कला की दृष्टि से अनोखा है बल्कि इसके भीतर वीरता सौर्य और जोहर की कहानी इसे विशेष बनती है यह किला चित्तौड़गढ़ राजस्थान में स्थित है और इसे 7 शताब्दी में मोर वंश के द्वारा बनाया गया था यह लगभग 700 एकड़ में फैला हुआ है और इसे विश्व दारोहर साइट के रूप में मान्यता प्राप्त है इस किले मैं 7 प्रवेश द्वार हैं और रानी पद्मावती महल भी आपको इसी किले में देखने को मिलती है इस किले पर तीन बार आक्रमण हुआ है जिनमें 1303 में अलाउद्दीन खिलजी 1535 में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह और 1567 में रा किले पर आक्रमण किए थे यह किला सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
2. विजय स्तंभ (Vijay Stambh) – chittorgarh me ghumne ki jagah
विजय स्तंभ चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है जो महाराणा कुंभा द्वारा 1448 में बनवाया गया था यह स्तंभ राजपूत की वीरता और उनके विजय की याद दिलाता है महाराणा कुंभा ने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को हराने के उपलक्ष में बनवाया था इसकी ऊंचाई लगभग 37 मीटर है और यह लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना हुआ है स्तंभ की दीवारों पर संस्कृत और प्राचीन राजस्थानी में विजय और राजपूत इतिहास का वर्णन अंकित है विजय स्तंभ का निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था यह स्तंभ महाराणा कुंभा की शक्ति साहस और सफलताओं का प्रतीक माना जाता है अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह विजय स्तंभ देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
3. कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) – chittorgarh me ghumne ki jagah
कीर्ति स्तंभ चित्तौड़गढ़ किले के अंदर एक प्रमुख धार्मिक और खूबसूरत स्तंभ है इसे जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित किया गया है यह स्तंभ चित्तौड़गढ़ की धार्मिक समृद्धि और कला की उत्कर्ता का प्रमाण है इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था यह लगभग 22 मीटर ऊंचा है और उसमें 7 मंजिलें हैं जिनमें जैन धर्म के तीर्थंकरों देवी देवताओं अनेक पौराणिक कथाओं के चित्र बनाए गए हैं यह बलुआ पत्थर से निर्मित है और ऊपर बारीक कलाकृति के साथ इसे बनाया गया है जैन धर्म के अनुयायियों के लिए यह एक तीर्थ स्थान है यह स्तंभ जैन धर्म की संस्कृति इतिहास और आस्था का प्रतीक है स्तंभ पर जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां और धार्मिक चित्र अंकित है जो भक्तों को ध्यान के लिए प्रेरित करते हैं अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको कीर्ति स्तंभ देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
4. रानी पद्मिनी महल (Rani Padmini Palace) – chittorgarh me ghumne ki jagah
रानी पद्मिनी महल चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित एक सुंदर और प्रसिद्ध महल है जो रानी पद्मिनी की सुंदरता और उनकी वीरता की कथा के लिए जाना जाता है इसे पद्मिनी महल या जल महल भी कहा जाता है क्योंकि यह छोटी सी झील के बीच में बना हुआ है चित्तौड़गढ़ किले के अंदर राजपूत वास्तुकला का नमूना देखने को मिलता है यह महल जल के बीचों बीच स्थित है इसीलिए इसे जल महल भी कहा जाता है महल का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है महल में कई कमरे और बरामदे हैं जो पद्मिनी की सुंदरता और जीवन शैली को दिखाते हैं माना जाता है की रानी पद्मिनी ने अपने महल से अलाउद्दीन खिलजी को देखा था जब वह किले पर हमला करने आया था रानी पद्मिनी की खूबसूरती और बुद्धिमत्ता की कथा प्रसिद्ध है अलाउद्दीन खिलजी ने उनके महल में जाकर उनके प्रतिबिंब को शीशे में देखा था जो उनकी सुंदरता का वर्णन करता है अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको रानी पद्मिनी का यह महल देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
5. राणा कुम्भा महल (Rana Kumbha Palace) – chittorgarh me ghumne ki jagah
राणा कुंभा महल चित्तौड़गढ़ किले का एक प्रमुख और खूबसूरत महल है जिसका नाम मेवाड़ के महान शासक राणा कुंभा के नाम पर रखा गया है यह चित्तौड़गढ़ की बिरासत और वास्तु कला का खूबसूरत उदाहरण है इस किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था राणा कुंभा ने चित्तौड़गढ़ किले को मजबूत और भव्य बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्माण करवाए इस महल में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के लिए रहने की जगह बनवाई यह महल राजपूत संस्कृति को दर्शाता है महल का निर्माण राजस्थानी वास्तुकला से हुआ है महल के अंदर रानी पद्मावती और मीराबाई के कमरे भी माने जाते हैं महल की दीवार पर पुराने समय की सुंदर चित्रकार का देखने को मिलती है अगर आप चित्तौड़गढ़ जा रहे हैं तो आपको राणा कुंभा का महल देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
निष्कर्ष chittorgarh me ghumne ki jagah
जैसा कि आपने हमारे आर्टिकल में पढ़ा है हमने चित्तौड़गढ़ के बारे में सारी जानकारी विस्तार से दि है चित्तौड़गढ़ कैसा राज्य है चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह हैं और चित्तौड़गढ़ हमें किस मौसम में जाना चाहिए अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल चित्तौड़ में घूमने की जगह अच्छा लगता है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल chittorgarh me ghumne ki jagah कैसा लगा
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