कुक्षी, मध्य प्रदेश के धार जिले में बसा एक छोटा सा नगर अपनी सांस्कृतिक समृद्धि और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है यह सतपुड़ा की हरियाली भील और बाबरी जनजातीय भी आपके यहां पर देखने को मिलती है नर्मदा नदी की शांति का अनूठा मेल बनती है कुक्षी एक ऐसी जगह है जहां बाजारों में आपको लोकगीतों की गूंज सुनाई देती है और नदी के घाटों पर सूरज की किरणें चित्र बनती है कुक्षी आपके लिए काफी अच्छी जगह होने वाली है अगर आप कुक्षी घूमने का प्लान बना चुके हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहे क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको Kukshi Me Ghumne Ki Jagah के बारे में बताएंगे
अगर आप कमर्शियल टूरिज़्म से दूर, शांत अनुभव की तलाश में हैं — तो कुक्षी आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
🌄 1. गंधर्वपुरी – नर्मदा किनारे स्थित एक आध्यात्मिक धरोहर
कुक्षी से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित गंधर्वपुरी एक सुंदर और खूबसूरत स्थान है यह स्थान भगवान शंकर के लिए प्रसिद्ध है जो पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है यह नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और यहां पर आप भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं और हर साल मकर संक्रांति और सावन के महीने में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।
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नर्मदा नदी के किनारे स्थित मंदिर
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भोलेनाथ के दर्शन के साथ नदी स्नान
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हर साल मकर संक्रांति और श्रावण में मेला लगता है
🔗 यह स्थान Chhindwara me ghumne ki jagah की तरह प्राकृतिक और धार्मिक दोनों अनुभव देता है।
🧭 2. भगोरिया मेला – भील जनजाति की रंगीन परंपरा
भगोरिया मेला आदिवासी संस्कृति का भव्य उत्सव है जो आपको कुछी की ही असली आत्मा से मिलता है इस मेले में लोग परंपरागत वस्त्र पहन कर आते हैं और अपनी पसंद के जीवन साथी भी चुनते हैं अगर आप ऐसा कुछ जीवन में नहीं देखा और देखना चाहते हैं तो आपको भगोरिया मेला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए।
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रंग-बिरंगी पारंपरिक पोशाकें
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ढोल-मांदल की धुनों पर आदिवासी डांस
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देसी खाने और हाथ से बने सामान
🔗 इस तरह का सांस्कृतिक अनुभव Rewa me ghumne ki jagah के लोक उत्सवों में भी देखने को मिलता है।
🌳 3. सतपुड़ा की पहाड़ियाँ – ट्रैकिंग और शांति का आदर्श मेल
सतपुड़ा की पहाड़ियां कुछी के चारों ओर फैली हुई है और ट्रैकिंग और एडवेंचर लवर के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं होने वाली है यहाँ पर आपको वनस्पति और पक्षियों की चेहहत देखने के लिए मिलती है अगर आप कुछी जा रहे हैं तो आपको सतपुड़ा की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग करने के लिए जरूर जाना चाहिए।
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ट्रेकिंग रूट्स: गंधर्वपुरी से नर्मदा किनारे तक
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झाड़ियों में छोटे-छोटे वॉटरफॉल
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बर्ड वॉचिंग के लिए अच्छी जगह
🔗 Mount Abu me ghumne ki jagah की तरह कुक्षी भी नेचर लवर्स का स्वर्ग है।
🏛️ 4. राम मंदिर और गायत्री शक्तिपीठ – लोक आस्था के केंद्र
राम मंदिर और पास ही आपको गायत्री मंदिर यहां की धार्मिकता के दर्शन करते हैं दीपावली और रामनवमी पर यहां पर विशेष आयोजन किए जाते हैं और बच्चों के लिए संस्कार शिविर का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है।
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दीपावली और रामनवमी पर विशेष आयोजन
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बच्चों के लिए संस्कार शिविर
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आसपास की गलियाँ बघेली संस्कृति से भरी होती हैं
🔗 Lucknow me ghumne ki jagah में जितना धार्मिक उत्साह होता है, वैसा ही कुक्षी में भी महसूस किया जा सकता है।
🛍️ 5. कुक्षी हाट-बाजार – लोकल स्वाद और शिल्प
अगर आप कुछी घूमने के लिए जा रहे हैं तो शुक्रवार के दिन लगने वाला बाजार जरूर जाएं क्योंकि यह सिर्फ मार्केट नहीं है बल्कि यहां पर आपको बाश और लकड़ी के हाथ से बने बहुत सारे खिलोने देखने को मिलते हैं मक्के की रोटी देसी दाल बाटी और लापसी भी आपके यहां पर मिल जाएगी।
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बांस और लकड़ी के हस्तशिल्प
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मक्का की रोटी, देशी दाल-बाटी और लापसी
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भील महिलाओं द्वारा बनाई गई रंगीन साड़ियाँ और बिछावन
🔗 Bikaner me ghumne ki jagah की तरह ही कुक्षी में भी देसी कारीगरी देखने को मिलती है।
🛌 कहाँ ठहरें और कैसे पहुंचें?
कैसे पहुँचें कुक्षी?
माध्यम | विवरण |
---|---|
बस | धार, बड़वानी, अलीराजपुर से डायरेक्ट बसें |
ट्रेन | निकटतम स्टेशन: इंदौर (170 किमी) |
एयरपोर्ट | इंदौर देवी अहिल्याबाई एयरपोर्ट (175 किमी) |
ठहरने के विकल्प
होटल/गेस्ट हाउस | विशेषता |
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Hotel Satpura View | बजट फ्रेंडली, शांत वातावरण |
Kukshi Palace Lodge | फैमिली फ्रेंडली, क्लीन रूम्स |
Tribal Stay Guest House | लोकल होस्ट्स, होम स्टे अनुभव |
🌐 Outbound Link: अधिक जानकारी के लिए देखें MP Tourism Official Site
📅 घूमने का सही समय
मौसम | अनुभव |
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अक्टूबर – फरवरी | ठंडा, सुखद, ट्रैवल के लिए बेस्ट |
मार्च – जून | गर्म, लेकिन भगोरिया मेलों का समय |
जुलाई – सितंबर | हरियाली, झरने, ट्रेकिंग के लिए उत्तम |
❓ FAQs – Kukshi Yatra ke Sawal
Q. क्या कुक्षी एक फुल-डे ट्रिप है?
✅ हाँ, आप गंधर्वपुरी, बाजार, और मंदिर एक दिन में कवर कर सकते हैं।
Q. क्या यहाँ फोटोग्राफी की अनुमति है?
✅ बिल्कुल! खासतौर पर भगोरिया उत्सव में।
Q. कुक्षी का स्पेशल खाना क्या है?
👉 मक्का की रोटी, महुआ की सब्जी, और देसी लापसी।
🔚 निष्कर्ष – Kukshi: जो दिखता कम है, मगर अनुभव ज़्यादा देता है
Kukshi me ghumne ki jagah कुक्षी में आपको बो ख़ुशी मिलती है जो किताबों में कम और अनुभव में ज्यादा जिंदा है यह एक ऐसी जगह है जहां संस्कृति प्रेम साथ-साथ सांस ले रही है अगर आप शांत जगह की तलाश कर रहे हैं तो आपके लिए इस जगह पर घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए।
तो अगली बार अगर आप Andaman me ghumne ki jagah या Lakshadweep me ghumne ki jagah जैसी प्रसिद्ध जगहों की बजाए कुछ सादा, पर खास देखना चाहते हैं — तो कुक्षी जरूर आइए।
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