mount abu me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by sonu meena

mount abu me ghumne ki jagah – माउंट आबू राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन है जो अरावली पर्वतमाला में स्थित है यह सिरोही जिले में आता है और समुद्र तल से लगभग 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है माउंट आबू को राजस्थान का शीतलदीप भी कहा जाता है माउंट आबू में घूमने के लिए आपको काफी सारी जगह मिल जाएंगे जिनमें जैन मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है इसके अलावा आप वोटिंग वगैरा का मजा लेना चाहते हैं तो आप नक्की झील जा सकते हैं हनीमून प्वाइंट भी यहां पर काफी अच्छी जगह है जहां पर बड़ी संख्या में टूरिस्ट जाते हैं इसके अलावा अचलगढ़ किला यह एक प्राचीन किला है जो माउंट आबू से लगभग 11 किलोमीटर दूर अचलगढ़ गांव में बनाया गया है अगर आप माउंट आबू घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ सकते हैं क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको माउंट आबू में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से बताएंगे

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1. नक्की झील (Nakki Lake) – mount abu me ghumne ki jagah

नक्की झील राजस्थान के माउंट आबू में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक झील है यह झील  अरावली पर्वत में बसी हुई है जो समुद्र तल से लगभग 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे राजस्थान के सबसे ऊंची झील माना जाता है नक्की झील के बारे में कई कथा प्रसिद्ध है एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार देवताओं ने अपने नाखूनों से इस झील को खोदा था जिससे इसका नाम नक्की पड़ा एक अन्य कथा के अनुसार एक शिल्पकार रसिया बालम ने माउंट आबू के राजा की बेटी से विवाह के लिए एक रात में नाखूनों से यह झील खोदी  थी हालांकि रानी ने बाद में विवाह से इनकार कर दिया जिससे रसिया बालम का दिल टूट गया नक्की झील में टूरिस्ट नौका विहार के लिए भी आते हैं अगर आप माउंट आबू घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको नक्की झील घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए

2. दिलवाड़ा जैन मंदिर (Dilwara Temples) – mount abu me ghumne ki jagah

भीलवाड़ा जैन मंदिर राजस्थान के माउंट आबू में स्थित एक प्रतिष्ठित मंदिर  है जो अपनी संगमरमर की बनाबट के लिए जाने जाते हैं इन मंदिरों का निर्माण 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था विमल वसई मंदिर का निर्माण 1031 ईस्वी में सोलंकी राजा भीम प्रथम के मंत्री विमल शाह द्वारा करवाया गया था इसके बाद 1230 में लौड़ा वसई मंदिर का निर्माण बघेल वंश के मंत्री वस्तु पाल और तेजपाल द्वारा किया गया है और बाकी मंदिरो का निर्माण 15वीं से 16वीं शताब्दी के बीच किया गया है यह मंदिर काफी ज्यादा खूबसूरती से बनाए गए हैं और यहां पर कुल पांच मंदिर हैं जो जैन धर्म की भव्यता को दर्शाते हैं यह सुबह 6:00 से दोपहर 12:00 बजे तक और 12:00 से 5:00 बजे तक खुले रहते हैं अगर आप माउंट आबू घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह मंदिर देखने के लिए जरूर जाना चाहिए इन मंदिर में जाने के लिए आपको किसी भी प्रकार का कोई टिकट नहीं लगता

3. गुरु शिखर (Guru Shikhar) – mount abu me ghumne ki jagah

गुरु शिखर अरावली पर्वतमाला और माउंट आबू का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है यह स्थान सूर्य उदय और सूर्य असत  के समय विशेष रूप से आकर्षित होता है जब आसमान के रंग बदलते हैं और चारों ओर का स्वरूप भव्य होता है गुरु शिखर कर का नाम भगवान दत्तात्रे  के नाम पर रखा गया है जो ब्रह्म विष्णु और महेश के रूप माने जाते हैं चोटी पर स्थित गुफा मंदिर में भगवान दत्तात्रे की पूजा की जाती है इसके पास ही उनकी माता अनसूया का मंदिर भी है यह माउंट आबू से लगभग 15 किलोमीटर दूर है और सड़क मार्ग से छोटी के निकट तक पहुंचा जा सकता है इसके बाद लगभग 300 सीढ़ियां चलकर जाना होता है  यह सुबह 9 से  6:30 तक खुला रहता है अगर आप माउंट आबू जा रहे हैं तो आपको यह खूबसूरत जगह घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए

4. सनसेट पॉइंट (Sunset Point) – mount abu me ghumne ki jagah

सनसेट पॉइंट माउंट आबू का एक बहुत लोकप्रिय टूरिस्ट स्थान है जहां पर आप सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं यह स्थान खास तौर पर शाम के टूरिस्ट के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर होती है यहां से अरावली पर्वत और आसपास के पहाड़ियों का सुंदर दृश्य भी देखा जा सकते हैं सूरज का नजारा शाम के समय काफी अच्छा रहता है और यहां पर आसमान काफी सारे रंगों से भर जाता है आपके यहां चारों ओर हरियाली और शांति के बीच यह जगह काफी ज्यादा सुकून देने वाली है माउंट आबू शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर यह स्थान है अगर आप माउंट आबू जा रहे हैं तो आपको यह जगह देखने के लिए जरूरी जाना चाहिए

5. अचलगढ़ किला (Achalgarh Fort) – mount abu me ghumne ki jagah

अचलगढ़ किला माउंट आबू के पास स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक किला है यह किला राजस्थान के राज कुमार द्वारा 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था अचलगढ़ किला अपने मजबूत किला  बंदी और पहाड़ी स्थल पर बनने के कारण युद्ध काल में एक महत्वपूर्ण रक्षा स्थान माना जाता था राजा राणा कुंभा ने इस किले  का निर्माण 1422 ईस्वी में करवाया था ताकि अदावली की पहाड़ियों पर अपने राज्य की सुरक्षा कर सके यह किला माउंट आबू से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित है अचलगढ़ किले के भीतर कई मंदिर भी है यहाँ पर सबसे प्रसिद्ध अखिलेश्वर महादेव मंदिर अचलगढ़ किला माउंट आबू से लगभग 11 किलोमीटर दूर है यहां आप टैक्सी या आप खुद के बहन से जा सकते हैं यह किला राजस्थान के ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का स्थान है अगर आप माउंट आबू जा रहे हैं तो आपको अचलगढ़ किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए

निष्कर्ष – mount abu me ghumne ki jagah

माउंट आबू राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता ऐतिहासिक दारोहर और धार्मिक स्थलों के कारण टूरिस्ट के बीच काफी ज्यादा प्रसिद्ध है यहां की प्रमुख जगह है जैसे नक्की झील भीलवाड़ा जैन मंदिर गुरु शिखर सनसेट पॉइंट और अचलगढ़ किला जो टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करता है माउंट आबू की ठंडी हवाएं मनमोहन नज़ारे  और सांस्कृतिक विरासत आपकी यात्रा को एक नया आयाम देगी चाहे आप एक दिन के लिए यहाँ पर जाएं यह लंबे समय बिताये दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको माउंट आबू के बारे में विस्तार से बताया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल माउंट आबू में घूमने की जगह अच्छा लगता है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल mount abu me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद

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