jaisalmer me ghumne ki jagah – जैसलमेर जैसे गोल्डन नगर भी कहा जाता है राजस्थान राज्य के बीचों बीच स्थित है और अपनी सुनहरी बल्कि ऐतिहासिक किलों हवेलियों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है जैसलमेर की स्थापना 1156 ईस्वी में राजा रावल जैसलमेर ने की थी जैसलमेर लंबे समय तक स्वतंत्रत रहा और यहां के राजपूतों ने शानदार किलो का निर्माण करवाया है जैसलमेर में रेगिस्तान महोत्सव फरवरी के महीने में होता है जिसमें लोक नृत्य संगीत और राजस्थान परंपराएं देखने को मिलती हैं जैसलमेर की संस्कृति राजस्थानी लोक परंपराओं और इतिहास से जुड़ी हुई है जैसलमेर का खाना भी काफी ज्यादा पोलुलर है जिनमे दाल बाटी चूरमा देवर और गट्टे की सब्जी अगर आप जैसलमेर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे आर्टिकल में बने रहे क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको jaisalmer me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे
1. जैसलमेर किला – jaisalmer me ghumne ki jagah
जैसलमेर किला जिसे गोल्डन किला भी कहा जाता है राजस्थान के जैसलमेर शहर का एक प्रमुख किला है यह किला पत्थर से बना हुआ है जो सूरज की रोशनी में सोने जैसा चमकता है 1156 ईस्वी में राजा रावल जैसलमेर ने इसका निर्माण करवाया था यह किला कुछ जीवित किले में से एक है जिसमें आज भी हजारों लोग रहते हैं किले के अंदर ने आपको पुराने मंदिर हवेली बाजार और घर देखने के लिए मिलते हैं यह किला राजाओं का निवास स्थान भी था किले की मजबूत दीवार है और चौकिया इसे दुश्मन से सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई थी अगर आप जैसलमेर जा रहे हैं तो आपको यह किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए इस के बिना आपको जैसलमेर की यात्रा अधूरी लगेगी
2. पटवों की हवेली – jaisalmer me ghumne ki jagah
राजस्थान के जैसलमेर शहर में सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध पटवों की हवेली है यह हवेली जैसलमेर के ऐतिहासिक केंद्र में स्थित है और अपनी शानदार वास्तुकला लिए प्रसिद्ध है यह हवेली 19वीं सदी में एक व्यापारी उदय सिंह पटवा ने बनवाई थी यह वास्तव में पांच अलग-अलग हवेली है जिन्हें मिलकर पटवों की हवेली कहा जाता है हवेली की दीवार में बारीकी से सजाई गई है यहां पत्थर की खूबसूरत कारीगरी जालीदार खिड़कियां सुंदर दरवाजे और आकर्षक आंगन देखने को मिलते हैं हवेली की कमरों में राजस्थानी संस्कृति और जीवन शैली की झलक मिलती है हवेली के अंदर पुराने जमाने के फर्नीचर चित्रकला और मूर्तियां भी मौजूद हैं पटवों की हवेली जैसलमेर की समृद्ध और वैभव इतहास का प्रतीक है यह उस समय की व्यापारिक क्षमता को दर्शाती है जब पटवों का इन हवेली पर राज हुआ करता था
3. सैम के रेतीले टीले – jaisalmer me ghumne ki jagah
सेम के टाइल जैसलमेर के पास सेम रेगिस्तान में स्थित बहुत खूबसूरत और लोकप्रिय हैं यह टाइल जैसलमेर से लगभग 40 किलोमीटर दूर है और थार मरुस्थल के विशाल रेगिस्तान का आनंद देते हैं यह जैसलमेर के सबसे बड़ी रेगिस्तान टाइल हैं यहां के सेम के टाइल दिन रात रंग बदलते हैं जो सूरज और मौसम के अनुसार अलग-अलग रंगों में नजर आते हैं रेगिस्तान सफारी ऊंट की सफारी अगर आप इन तिलो पर जाते हैं तो उनकी सफारी काफी आसानी से कर सकते हैं यहाँ पर पारंपरिक राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य का आनंद लिया जा सकता है कई ठिकानों पर आप लोक कलाकारों के साथ घूम सकते हैं अगर आप जैसलमेर जा रहे हैं तो से के बेटे देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
4. गड़ीसर झील – jaisalmer me ghumne ki jagah
जैसलमेर एक खूबसूरत और प्रसिद्ध जगह है और उसी के पास आपको गड़ी झील देखने को मिलती है यह झील जैसलमेर शहर के बाहर लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गड़ी सर झील का निर्माण राजा ने 14 शताब्दी में करवाया था यह क्षेत्र में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके पुराने समय में यह झील पानी के भंडारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी खासकर रेगिस्तान के इलाके झील के चारों ओर कई छोटे-छोटे मंदिर बने हुई है जो इसे और भी सुंदर बनाते हैं झील के किनारे राजस्थानी शैली के कई मंदिर बने हुए हैं अगर आप राजस्थान घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको गड़ी सर झील घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
5. कुलधरा गांव – jaisalmer me ghumne ki jagah
राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और शापित गांव भी कहा जाता है यह रहस्यमय कहानी और प्राचीन खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है जो आज भी टूरिस्ट और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करते हैं कुलधरा गांव की स्थापना 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने की थी यह लोग पाली से आकर जैसलमेर क्षेत्र में बसे थे और गांव की संरचना में एक मंदिर और तीन मुख्य सड़क के भी शामिल है एक समय एक सभ्यता और यहां के निवासी व्यापार कृषि और शिल्प कला में निपुण थे 1400 से अधिक लोग रहते थे 19वीं सदी के प्रारंभ में यह गांव अचानक खली हो गया इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं जिनमें भूकंप और एक स्थानीय श्राप शामिल है जिसमें कहा जाता है कि जैसलमेर राज्य के दीवान सलीम ने गांव की मुखिया की बेटी से विवाह का प्रस्ताव दिया जब काम गाव वालो ने इसका विरोध किया तो उन्होंने गांव को श्राप दे दिया और रातों-रात गांव को खाली कर दिया गया अगर आप जैसलमेर जाते हैं तो आपको यह गाव देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
जैसलमेर घूमने के लिए कब जाएं – jaisalmer me ghumne ki jagah
जैसलमेर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है इस दौरान मौसम ठंडा सुहाना और रेगिस्तान में घूमने के लिए काफी अच्छा माना जाता है सर्दी के मौसम में टेंपरेचर भी 7 डिग्री से 25 डिग्री के बीच होता है इस समय आप सवारी कैंपिंग और यहां के उत्सवों का आनंद भी ले सकते हैं
निष्कर्ष – jaisalmer me ghumne ki jagah
जैसा कि आपने हमारे आर्टिकल को पढ़ा जैसलमेर में घूमने की जगह अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल जैसलमेर में घूमने की जगह अच्छा लगता है तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल jaisalmer me ghumne ki jagah कैसा लगा
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